यह आकस्मिक नहीं है ,जिस समय इंफोर्स्मेंट डायरेक्ट्रेट का शिकंजा मौलाना शाद पर कसता दिखलाई दिया है सीएए विरोध में दो जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के खिलाफ एफआईआर फ़ाइल हुई है ठीक उसी समय अरुंधति अपने बिल से निकलके उजाले में आईं हैं।
अरुंधति सोच की असलियत :एक सांवेदनिक षड़यन्त्रअरुंधति सोच के लोग भारत विद्वेष का कोई मौक़ा नहीं चूकना चाहते। यह आकस्मिक नहीं है ,जिस समय इंफोर्स्मेंट डायरेक्ट्रेट का शिकंजा मौलाना शाद पर कसता दिखलाई दिया है सीएए विरोध में दो जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के खिलाफ एफआईआर फ़ाइल हुई है ठीक उसी समय अरुंधति अपने बिल से निकलके उजाले में आईं हैं।ये लोग भारत विद्वेष की इबारत पहले लिख लेते हैं सिर्फ घटना का स्थान और समय इन्हें फॉर्म में खाली छोड़े गए स्थान पर लिखना होता है। ये इस्लाम के साथ सहानुभूति की आड़ में भारत के खिलाफ साम्वेदनात्मक षड़ -यंत्र रचते हैं। पहले इन्होनें अफ़ज़ल गुरु के मामले में यह कहकर दुष्प्रचार किया था अमन के पैरोकारों को इस्लाम के अनुयाइयों को यह प्रचारित कर बरगलाया था देखो हिन्दुस्तान का निज़ाम एक गुरु को भी नहीं छोड़ता जबकि अफ़ज़ल गुर उनका मूल नाम था।काश्मीर (घाटी )में गुर गरड़िया (शेफर्ड )जाति रही आई है।इन्होने उसे पूरे भारत का गुरु प्रचारित किया।ये भारतीय सांस्कृतिक प्रतीकों से अपने नाम उठाते हैं बतलाते चलें आपको 'अरुंधति' भगवान् राम के गुरु (राज -गुरु )'ऋषि वशिष्ठ की पत्नी का नाम था ,और काम इनके भारत की छवि को आलमी स्तर पर एक बड़ी चोट पहुंचाना होता है इस काम के लिए इन्हें विदेशों से बड़ी रकम, मिलती रही है।इनके दिमाग में जो मानसिक कीड़ा है वह सार्स -कोव -२ से ज्यादा खतरनाक है इसीलिए ऐसे कोविडिएटस को हमने इनके कामों के आधार पर इनकी कोविडीओसी को देखते हुए इन्हें विशेषड़ :कोविडिएट दिया है।भारत सरकार को इस मानसी बिषाणु :अरु -कोव -३ का भी इलाज़ करना चाहिए।लेवल :आरु -कोव -३ ,इस्लाम ,संवेदना और षड्यंत्र ,इबारतविशेष :इस्लाम का शब्दिक अर्थ है अमन होता है। इस्लाम के अनुयायी अमन पसंद होते हैं अपवाद सभी पंथों धार्मिक समुदाय में होते हैं. विष बोने का काम ये विषकन्याएं करतीं हैं। भारत में इस्लाम के अनुयायी बहादुरशाह ज़फ़र से लेकर एपीजे अब्दुल कलाम तक उतने ही राष्ट्रवादी रहें हैं जितने किसी अन्य पंथ समुदाय या रिलिजियस डिनोमिनेशन के लोग।अरुंधति सोच के लोग पहले गलतफहमियों को धूंआं फैलाते हैं फिर उस धुंध की आड़ में सम्प्रदायकिता।Arundhati roy :https://www.theweek.in/news/india/2020/04/18/modi-govt-using-covid-19-crisis-to-incite-hatred-against-muslims-arundhati-roy.htmlModi govt using COVID-19 crisis to incite hatred against Muslims: Arundhati Roy
The Narendra Modi government is exploiting the novel coronavirus outbreak to inflame tensions between Hindus and Muslims in the country, alleged author and activist Arundhati Roy.Talking to German TV channel DW TV, Roy launched a scathing attack on the government and said it would “dovetail with this illness to create something which the world should really keep its eyes on”.
“We are suffering, not just from COVID, but from a crisis of hatred, from a crisis of hunger,” she said and added that the situation in India was approaching a “genocide”.
Roy claimed that the crisis of hatred against Muslims comes on the back of a “massacre” in Delhi, which was the result of people protesting against the “anti-Muslim” citizenship law. She was referring to the violent clashes in February between pro and anti-CAA protesters, which had left at least 53 people dead.
“Under the cover of COVID-19, the government is moving to arrest young students, to fight cases against lawyers, against senior editors, against activists and intellectuals. Some of them have recently been put into jail,” she said.

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