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हेमंत से इस शिब्बू सोरेन की कुलीन परम्परा को नीचा दिखाया है संतों को सबसे भद्दी गाली देकर। क्या शिब्बू सोरेन की राजनीतिक विरासत का वारिस उन्हें अब भी कहा साझा जाएगा ?

हेमंत सोरेन जो कह रहे हैं -सारे भगवा वस्त्र धारी बलात्कारी होते हैं वह हमारी संत परम्परा को दी गई गाली ही नहीं है स्वामी रामतीर्थ और उनके शिष्य नरेंद्र नाथ (स्वामी विवेकानन्द ) की खुली अवमानना है जिनकी भाषा की अनुगूंज आज भी बकाया है शिकागो के विवेकानंद मार्ग पर जब तमाम अमरीकी झूमकर उनके संग चलने लगे थे -सिस्टर्स एन्ड ब्रदर्स आफ अमेरिका ....... । हेमंत की भाषा अपना किस्सा खुद बयान कर रही है -इसे कहते हैं संग का रंग चढ़ना। राजनीतिक भषा को  अपभाषा में तब्दील कर चुके बड़े घर के एक  बिगड़ैल बालक ने हेमंत के कान में कुछ कहा और उनका मुख में विषदन्त उग आये विषमुख हो गए हेमंत।आइंदा उन्हें भी हेमंत गेंडी ही समझा जाए।  वह अब राजनीति के विषदंत विषपुरुष हो गए हैं । आपने सबसे पहले तो अपने कुलीन पिता शिब्बू सोरेन को ही अपमानित किया है जो झारखंड मुक्ति आंदोलन के अग्रदूत थे। कुलीन भाषा के धनी रहे आये है शिब्बू सोरेन जिनका झारखंड के बाहर भी आदर सम्मान हैं। हेमंत से इस शिब्बू सोरेन की कुलीन परम्परा को नीचा दिखाया है संतों को सबसे भद्दी गाली देकर। क्या शिब्बू सोरेन की राजनीतिक विरासत का वारिस उन्हें अब भ

४४० सांसदों वाले ऊपरले और निचले सदनों ने यानी अपर और लोवर हाउस ने जिस नागरिकता संशोधन बिल को पारित किया है उसे प्रियंका वाड्रा देश को तोड़ने वाला कदम बतला रहीं हैं

४४० सांसदों वाले ऊपरले और निचले सदनों ने यानी अपर और लोवर हाउस ने जिस नागरिकता संशोधन बिल को पारित किया है उसे प्रियंका वाड्रा देश को तोड़ने वाला कदम बतला रहीं हैं। देश को तोड़ने का काम इनकी अम्मा जी और सुबुद्ध भाईसाहब सरे आम करवा रहें हैं पेट्रोल से (गाड़ियां जलवाकर ),सड़कों पर पथ्थर बाज़ी से हद दर्ज़े की हुल्लड़बाजी से जामिया में दस नंबरियों को घुसवाने का षड्यंत्र इन्हीं लोगों ने रचा है इसकी पटकथा इन्होनें पहले ही लिख ली थी। रायसीना हिल पर दवाब इन्हीं की अगुवाई में डाला गया है। इनकी अम्मा ने आते ही जयेन्द्र सरस्वती को गिरफ्तार करवाया था। इनकी दादी के पिता श्री द्वारा ये बांट के देश को खाने का काम शुरू हुआ था। जिन्ना जो कभी हिन्दू मुस्लिम एकता के पक्षधर थे इन्हीं की शह पर बाद में देश के सांप्रदायिक आधार पर बांट के आधा आधा खाने पे अड़ गए।अल्लामा इकबाल ने पाक जाने के बाद अपना रूख और भी कड़ा करते हुए लिखा सारा जहां हमारा। उसी का विकृत रूप इस्लामिक बुनियाद परस्ती दहशद गर्दी बनी है।     पहले अंग्रेज़ों से मिलकर सिखों को अलग करवाया फिर  ,जैनियों को वृहत्तर दायरे से सनातन धर्म के बाहर निकलवाया यह त

महाभारत में कहा गया है : यन्न भारते !तन्न भारते !अर्थात जो महाभारत में नहीं है वह अन्यत्र भी नहीं है।ज़ाहिर है अभी जेनेटिक्स भी उन ऊंचाइयों को स्पर्श नहीं कर सकी हैं जो यहां वर्णित हैं

महाभारत में कहा गया है : यन्न भारते !तन्न भारते !अर्थात जो महाभारत में नहीं है वह अन्यत्र भी नहीं है।ज़ाहिर है अभी जेनेटिक्स भी उन ऊंचाइयों को स्पर्श नहीं कर सकी हैं जो यहां वर्णित हैं।    पुराणों में जो कहा गया है वह शुद्ध भौतिक विज्ञानों का निचोड़ भी हो सकता है ,सारतत्व भी। ज़रूरी नहीं है वह महज़ मिथ हो और चंद लेफ्टिए मिलकर उसका मज़ाक बनाते  उपहास करते फिरें । मसलन अगस्त्य मुनि को 'घटसम्भव' कहा गया है। 'कुंभज' और 'घटयौनि' भी 'कलशज :' भी ; एक ही अभिप्राय है इन  पारिभाषिक नामों का जिसका जन्म घड़े से कलश से हुआ है वही अगस्त्य है सप्तऋषि मंडल का शान से चमकने वाला कैनोपास (Canopus )ही अगस्त्य है जो लुब्धक (sirius)के बाद दूसरा सबसे चमकीला ब्राइट स्टार है।  गांधारी के बारे में कहा जाता है जब उसे पता चला कुंती एक बच्चे को उससे पहले जन्म देने वाली है (युधिष्ठिर महाराज ज्येष्ठ पांडव उस समय कुंती के गर्भ में ही थे )उसने ईर्ष्या वश अपने गर्भ में पल रहे भ्रूण के मुष्टि प्रहार से सौ टुकड़े कर दिए यही सौ कौरव बनकर आये। एक ही फर्टिलाइज़्द ह्यूमेन एग के मुष्टि प्रहार से