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प्रस्तुत पोस्ट ट्रोल आचार्य ,सर्वमान्य ट्रोलेश्वर को समर्पित है :इनकी एक ताज़ा ट्रोल इस चिठ्ठे के अंत में दी गई है ज़रूर पढ़ें कोरोना शमशान पर जनमन को आहत करने वाली इनकी ट्रोल

प्रस्तुत पोस्ट ट्रोल आचार्य ,सर्वमान्य ट्रोलेश्वर को समर्पित है :इनकी एक ताज़ा ट्रोल इस चिठ्ठे के अंत में दी गई है ज़रूर पढ़ें कोरोना शमशान पर जनमन को आहत करने वाली इनकी ट्रोल।  पहले एक टिपण्णी ब्लॉग ईस्वामी जी के चिठ्ठे पर : पहले टिपण्णी दी गई है फिर मूल चिठ्ठा प्रारूप दिया गया है पूरा चिठ्ठा परोसा गया है जिसका लिंक निम्न है।   : https://web.archive.org/web/20101123103200/http://hindini.com/eswami/archives/132 टिपण्णी :ई -स्वामी जी सबसे पहले वीरुभाई के प्रणाम स्वीकारें। बढ़िया आलेख मनोवैज्ञानिक पहलुओं को भी आपने उद्घाटित किया -अटेंशन सीकिंग बिहेवियर (ध्यान खेंचू व्यवहार )ज्यादार तर बालकों में होता है इधर  एक इक्यावन साला भावनात्मक रूप से अस्थिर बालक   दिखलाई  दे रहा है आठों पहर यहां तक के इन्हें ट्रॉलाचार्य भी कहा जाने लगा है। राजनीतिक दूकान इनकी बंद है इसलिए ये वेबिनाराचार्य बन गए हैं नित्य ट्रोल करना इनका शगल है। ये राजनीति के महाविदूषक हैं। महाविघ्न संतोषी हैं। नाम इनका सब जानते हैं हम क्यों ट्रोल करें। कहाँ से आया यह ट्रोल शब्द ?इस...

कांग्रेसियों का राजदुलारा लाडला ट्रोल तो साल में ३०० बार तो विदेश जाता है। रोज़ वेबिनार करता है। दादालाई राजनीति की कदीमी दूकान बंद होने के बाद और आदमी करे भी तो क्या सिवाय ट्रॉल्लिंग के ?

एक टिपण्णी ब्लॉग ईस्वामी जी के चिठ्ठे पर : पहले टिपण्णी दी गई है फिर मूल चिठ्ठा प्रारूप दिया गया है पूरा चिठ्ठा परोसा गया है जिसका लिंक निम्न है।   : https://web.archive.org/web/20101123103200/http://hindini.com/eswami/archives/132 टिपण्णी :ई -स्वामी जी सबसे पहले वीरुभाई के प्रणाम स्वीकारें। बढ़िया आलेख मनोवैज्ञानिक पहलुओं को भी आपने उद्घाटित किया -अटेंशन सीकिंग बिहेवियर (ध्यान खेंचू व्यवहार )ज्यादार तर बालकों में होता है इधर  एक इक्यावन साला भावनात्मक रूप से अस्थिर बालक   दिखलाई  दे रहा है आठों पहर यहां तक के इन्हें ट्रॉलाचार्य भी कहा जाने लगा है। राजनीतिक दूकान इनकी बंद है इसलिए ये वेबिनाराचार्य बन गए हैं नित्य ट्रोल करना इनका शगल है। ये राजनीति के महाविदूषक हैं। महाविघ्न संतोषी हैं। नाम इनका सब जानते हैं हम क्यों ट्रोल करें। कहाँ से आया यह ट्रोल शब्द ?इसकी  व्युत्पत्ति या निष्पत्ति कैसे कहाँ हुई ? Troll  A  troll  is a supernatural creature who is either very big or very small, ugly, and not very nice. You're most likely...

नरेंद्र कोहली ने आधुनिक हिंदी गद्य साहित्य में महाकाव्य लेखन कर पौराणिक परम्पराओं को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया

नरेंद्र कोहली ने आधुनिक हिंदी गद्य साहित्य में महाकाव्य लेखन कर पौराणिक परम्पराओं को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया। पौराणिक आख्यानों से सामिग्री लेकर आपने १८०० पृष्ठों का एक वृहदाकार  उपन्यास रामकथा को समर्पित किया। यह भारतीय सांस्कृतिक  परम्परा को तार्किक जमीन  मुहैया करवाता है। उदात्त मूल्यों को मूर्त रूप दिया है इस लेंडमार्क रचना ने।  कृष्ण कथा को लेकर आपने उपन्यास 'अभिज्ञान' तथा महाभारत इतिहास को एक और उपन्यास 'महासमर 'में उड़ेला। यहां  मेरी आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी के कृष्ण ,कर्ण और दुर्योधन आपको मिलेंगे। ममता दी के अपने दुर्योधन हैं। उनके अपने युधिठिर भी होंगे ही।  आपका धरावाहिक उपन्यास  तोड़ो कारा तोड़ो रवींद्र नाथ ठाकुर के गीत की एक अनूदित पंक्ति है। कथा विवेकानंद की जीवन कथा से ताल्लुक रखती है। यहां कोहली जी ठाकुर के साथ एक रस हो जाते हैं ,अपने नायक से उनका पूर्ण तादात्म्य स्थापित हो जाता है। उपन्यास रचकर वह उनके जीवन संघर्षों को जीवित करते हैं सामजिक ,धार्मिक ,राजनीतिक संघर्षों का अतिक्रमण करते हैं विवेकानंद। शायद  युवा भीड़ ने उ...

टेंशन बढ़ाने वाली खबर: हवा के रास्ते फैलता है कोरोना वायरस, इस स्टडी में वैज्ञानिकों को मिले सबूत

  कोरोना की इस दूसरी लहर ने पूरे देश में हाहाकार मचा दिया है। भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के कई देशों में नए वैरिएंट का प्रकोप दिखाई दे रहा है। भारत एक बार फिर लॉकडाउन लगाने की कगार पर है। ऐसे में वायरस को लेकर अलग-अलग रिसर्च की जा रही हैं। अभी हाल ही में मेडिकल पत्रिका लांसेट की रिपोर्ट में लिखा गया है कि इस बात के ठोस सबूत मिले हैं जो बताते हैं कि कोविड-19 में पाए जाने वाला Sars-coV02 वायरस मुख्य रूप से हवा के जरिए फैलता है। रिपोर्ट जारी करने वाले वैज्ञानिकों ने कहा है कि सुरक्षा मनदंडों में बदलाव करने की भी जरूरत है। इतना ही नहीं वैज्ञानिकों ने अपने बात का समर्थन करते हुए कई मजबूत तर्क भी पेश किए हैं और कहा कि इस बात के ठोस सबूत नहीं मिले हैं जो यह साबित कर सकें कि वायरस हवा के जरिए नहीं फैलता है। अध्ययनों ने पहले संकेत दिया है कि कोरोनावायरस हवा के जरिए फैल सकता है, लेकिन यह पहला ऐसा विश्लेषण है जो कहता है कि प्रमुख रूप से इसके हवाई रास्ते के जरिए फैलने की संभावना है। महामारी के शुरुआती दिनों में, यह माना जाता था कि वायरस तब फैलता है जब संक्रमित व्...

ऐसो कौ उदार जग माहीं

1/3 1 ऐसो कौ उदार जग माहीं । ऐसो कौ उदार जग माहीं । बिनु सेवा जो द्रवे दीन पर, राम सरस कोउ नाहिं  ॥ जो गति जोग बिराग जतन करि नहिं पावत मुनि ज्ञानी । सो गति देत गीध सबरी कहँ प्रभु न बहुत जिय जानी ॥ जो संपति दस सीस अरप करि रावण सिव पहँ लीन्हीं । सो संपदा विभीषण कहँ अति सकुच सहित हरि दीन्हीं ॥ तुलसीदास सब भांति सकल सुख जो चाहसि मन मेरो । तो भजु राम काम सब पूरन करहि कृपानिधि तेरो ॥ 2/3 2 भावार्थ गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं - इस संसार में भगवान् राम के समान दयावान कोई नहीं है जो बिना सेवा के  दीन -दुखियों  पर अपनी कृपा बरसाते हैं . बड़े बड़े मुनियों , ज्ञानियों को भी अपने योग और तपस्या के बल पर वैसा आशीर्वाद नहीं मिल पाता , जैसा भगवान् राम ने जटायु और शबरी को दिया . जिस कृपा को पाने के लिए रावण को अपने दस सिरों का बारम्बार  अर्पण करना पड़ा , वही प्रभु कृपा विभीषण को कुछ त्याग किये बिना श्रीराम से प्राप्त हो गई . इसलिए कवि कहतें हैं  - हे मन ! अगर मेरे जीवन में सभी सुखों को पाना है और भगवान् की भक्ति पानी है तो श्रीराम को भजो . वही सबका कल्याण करते हैं और सबकी मनो...

Nandigram Election: 'नंदीग्राम चुनाव में गड़बड़ी'...ममता बनर्जी के आरोप खारिज, EC ने 6 पन्नों में दिया जवाब, अब आचार संहिता उल्लंघन पर ऐक्शन!

  ममता बनर्जी को झटका ममता बनर्जी की चुनावी नौटंकी दिनों दिन उग्र से उग्रतर होती जाएगी -ये तो बिस्मिल्लाह है अभी  छः चरणों का चुनाव सम्पन्न  होना बाकी है। ममता हार से पहले सब चिलत्तर करेंगी -आवाहन कर चुकीं हैं इशारे-इशारे में  विपक्षी एकता की आड़ में लिखे खत से ,उन्हें बहुमत से पीछे रह जाने की स्थिति में विपक्ष का संग साथ चाहिए खासकर कांग्रेस सोनियावी का।  इब्न-ए-इंशा की मशहूर ग़ज़ल है - बड़ी मौज़ू है ममता बेगम के प्रसंग में - रात के ख़्वाब सुनाएं किसको... रात के खाब सुहाने थे।    ज़िद्दी वहशी अल्हड़ चंचल मीठे लोग रसीले लोग  होंट उनके ग़ज़लों के मिसरे आंखों में अफ़्साने थे  वहशत का उनवान हमारी उनमें से जो नार बनी  देखेंगे तो लोग कहेंगे 'इंशा'-जी दीवाने थे  ये लड़की तो इन गलियों में रोज़ ही घूमा करती थी  इससे उनको मिलना था तो इसके लाख बहाने थे  हमको सारी रात जगाया जलते-बुझते तारों ने  हम क्यूं उनके दर पर उतरे कितने और ठिकाने थे Mamata Banerjee जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 131 के तहत पोलिंग बूथ या उसके आसपास गलत आचरण ...