यादों के झरोखे से -३ सीवीएस फार्मेसी चौबीसों घंटा खुली रहती है। यहां दूध भी मिलता है वाइन भी यानी दवा भी दारु भी । फोटोग्रेफ्स भी बनवाते हैं यहां लोग। कॉस्मेटिक्स से लेकर परिधान तक सब कुछ यहां उपलब्ध है। यूं इसके गिर्द एक बड़ा खुला -खुला कार पार्क भी है तमाम अमरीकी स्टोर्स की तरह। बाज़औकात(कभी -कभार ) आपका ध्यान कहीं और होता है और कार पार्क करते वक्त किसी और की गाड़ी आप ठोक देते हैं। उस दिन ऐसा ही वाक्या गुंजन के साथ हुआ अमूमन वह ये एसयूवी लेकर नहीं चलती है उसकी अपनी अलग उसी की तरह क्यूट गाड़ी है जिससे वह डाउनटाउन डेट्रॉइट जाती रही है कैंटन से बरसात हो या बर्फबारी यहां सड़क रूकती नहीं है।सब अपने अपने काम पे पहुँचते है। किसी आकस्मिक दुर्घटना आगजनी के वक्त एक तरफ का ट्रेफिक खुद -ब -खुद रुक जाता एक लेन चलती रहती है, बाकायदा। उस दिन गुंजन के साथ भी कुछ अलग सा हुआ कार पार्क खाली सा ही था फिर भी अपनी एसयूवी उसने एक काली शांत खड़ी गाड़ी से भिड़ा दी। एक पल को उसने सोचा भाग खड़ी होवूं ,दूजे पल फिर ध्यान ये आया हो न...