मोमता दीदी कहिन:मेरी टूटी टांग उठाएगी लोकतंत्र का बोझा ,मेरे पैर ठीक होने दो , फिर देखूँगी आपके पाँव बंगाल की जमीन पर ठीक से चलते हैं या नहीं:ममता बनर्जी एक खबर
रस्सी जल गई ,बल नहीं गए।
दो लाइनें मोमता के नाम :
सामने दर्पण के, जब तुम आओगे ,
अपनी करनी पर ,बहुत पछताओगे।
का चला सिक्का तुम्हारे नाम का ,
आज खुद को भी चला न पाओगे।
सपने जिनको आज तक बेचा किये ,
क्या पता था अदब को ही खाओगे।
अपभाषा में लगती हैं , राहुल की मौसी,
कभी ये हिन्दू कभी ये मुस्लिम टांग लिए टूटी फिरती है धौंसी।
ये पाकिस्तान ,रोहिंग्या सोच की चाची बेहद डरे हुए इंसान की भाषा बोल रही है ,हार चुकी है ये कथित घायल बाघिन ,छद्म रणचंडी।
हिन्दू वादी ममता बैकफुट पर ,चोटिल ममता फ्रंट फुट पर ,खेला होबे वील चेअर पर।
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