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कोर्ट के निर्णय को धकियाते , हो जाती जब टै टै टैम। संसद बनी रखैल है ,इनकी खड़गे -सुरजे हो गए जैम।

हिन्दू  न मुसलमान ,बस किसान और जवान ,

बने मेरे देश की पहचान ,

तब सच्चे अर्थों में भारत बने महान।

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राजनीति की नौटंकी चलती रहती है ,

कभी हंसाये कभी रुलाये ,

मौसम तो बदला करता है।

सुख -दुःख दोनों संग चले हैं ,

जीवन कब ठहरा करता है।

कर्म करो नहीं फल की चिंता ,

फल तो खुद मिलता रहता है।

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जीत गए तो हम जीते हैं हार गए तो ईवीएम ,

बिलकुल शेष नहीं है शेम।

देश सुरक्षा  गई भाड़ में राफेल बन गया इनका गेम,

संविधान से खेले नित -उत नामचीन हुआ है नेम।

कोर्ट के निर्णय को धकियाते ,

 हो जाती जब  टै टै टैम।

संसद बनी रखैल है ,इनकी  खड़गे -सुरजे हो गए जैम।

 लीला -पुरुष खड़ा हतप्रभ है ,फिर भी करता इनसे प्रेम।

प्रस्तुति :वीरुभाई (वीरेंद्र शर्मा )

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