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बता दें, कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार मना रही है, जिसका बीजेपी ने विरोध किया.
मुख्यमंत्री के समारोह में शामिल न होने पर कर्नाटक में कांग्रेस के विधायक तनवीर सेत ने उन पर निशाना साधा है. विधायक और पूर्व मंत्री तनवीर सेठ ने कहा, नई सरकार की यह पहली टीपू जयंती थी. सूचना मिली कि डॉक्टर की सलाह पर मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी कार्यक्रमों में भाग नहीं ले रहे हैं. उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर विदेश की यात्रा पर हैं. इस घटनाक्रम से समुदाय अपमानित हुआ। इसमें कोई शक नहीं है.
पार्टी सूत्रों के अनुसार कई कांग्रेसी नेता, खासतौर से मुस्लिम समुदाय के नेता कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नहीं शामिल होने से नाराज हैं.
सेठ ने मैसुरू में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यह उनका कर्त्तव्य है कि वह अपने समुदाय के प्रति भावनाएं व्यक्त करें. उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वह जहां आराम कर रहे हैं उसके करीबी स्थान पर टीपू जयंती के कम से कम एक कार्यक्रम में भाग लें.
वहीं, कर्नाटक सरकार में मंत्री डीके शिवाकुमार ने कहा कि, यह किसी का अपमान नहीं है. इसका राजनीतिकरण न करें.
सिद्धरमैया के नेतृत्व में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 2015 के बाद से हर साल 10 नवंबर को टीपू जयंती मनानी शुरू की. उन्हें विपक्षी दल भाजपा, कई हिंदू संगठनों और कुछ लोगों का कड़ा विरोध झेलना पड़ा था.
कुमारस्वामी 11 नवंबर तक तीन दिनों के लिए आराम करने की डॉक्टर की सलाह का हवाला देते हुए कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.
विपक्ष में रहते हुए कुमारस्वामी ने इन समारोह की जरुरत पर सवाल उठाए थे.
ऐसा बताया जा रहा है कि कुमास्वामी कार्यक्रम में शामिल होकर पुराने मैसुरू क्षेत्र के अपनी पार्टी के गढ़ में मतदाताओं को नाराज नहीं करना चाहते क्योंकि टीपू सुल्तान ने अपने पिता हैदर अली के साथ मैसुरू के महाराजाओं से सत्ता छीनी थी.
टीपू सुलतान की एक एक प्रतिमा १० ,जनपथं ,१२ ,तुगलक रोड और ३५ ,लोदी एस्टेट में भी लगनी चाहिए।
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