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Participating & learning the finest of South Indian culture & traditions.... (एक प्रतिक्रिया उल्लेखित वाल पोस्ट पर :)

एक प्रतिक्रिया उल्लेखित वाल पोस्ट पर :

सारा सनातन धर्मी देवकुल एक ही जगह जैसे ग्रुप फोटो खिंचवा रहा हो और उनका परिचय देने वाला उस शाम का मेजबान नवरात्र की दूसरी संध्या को एक नए मुकाम तक ले गया। परिचय देव कुल का संपन्न हुआ अब बारी दक्षिण भारतीय व्यंजनों की थी ,उत्तर भारत का दही भात यहां कर्ड राइस के रूप में नए अवतार में होता है। खिचड़ी पोंगल बन नए स्वाद रचती है अलबत्ता मेजबान ने  मिष्ठान्न के रूप में जलेबी और हलुवा मूंग की दाल का भी प्रस्तुत किया और भी बहुत कुछ था लेकिन सत्तर के पार सब कुछ को खाने की न ललक बकाया रह जाती है न मुंह में बित्ते दांत। 

एक बेहतरीन किताब मेजबान के यहां देखी एक दो पन्ने खंगाले और दूसरे ही क्षण हमारे लाडले 'जीसाहब' पुत्र से ज्यादा नेहा लुटाने वाले 'दामाद -दोस्त' ने हमारी इच्छा को भांपते हुए उस किताब का अमेजन पर ऑनलाइन आर्डर कर दिया। 
किताब जीवन इकाइयों जींस की बात करती है एक विडंबना की  ओर इशारा भी ,कि आधुनिक साधन संपन्न विज्ञान पुरुष सृष्टि को जान ने  के लिए पहले उसके खंड करता है और यह विभाजन आखिरी सीमा तक जाता है जिसके  आगे बस जीवन की इकाई Gene ही शेष रह जाती है।बाद में इनका समायोजन कर जान ने के लिए झख मारता है ,कि सृष्टि कैसी है क्या हैं इसके बुनियादी कण जीवन इकाइयां ,खानदानी विरासतें।  न्यूयॉर्क बेस्ट सेलर रूप में सबसे ज्यादा बिकने वाली किताबों में इसका नंबर पहली दस किताबों में शुमार दिखा। यह एक दूसरा नायाब तोहफा था उस शाम का :

हमारा इस किताब से परिचय। अब एक महीना इसे खंगालते जुगाली करते ही बीतेगा। जीवन की गति ही ऐसी है बस जुगाली करते रहो।  देखिये वाल पोस्ट :
Gunjan Sharma-Saini is with Subhashini Chandrasekar.

2 hrs
Participating & learning the finest of South Indian culture & traditions from my lovely friends in the neighborhood! Thanks for being such a lovely host Subhashini Chandrasekar 🙏🏻

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